पंडितजी ने मुँह टेढा करके कहा और मंदिर का चढावा बटोरने लगे। पंडितजी ने मुँह टेढा करके कहा और मंदिर का चढावा बटोरने लगे।
जीवन जीना है तो जिंदगी को हर परिस्थितियों में हँसके मुस्कुराके जिये.. जीवन जीना है तो जिंदगी को हर परिस्थितियों में हँसके मुस्कुराके जिये..
पंडित जी को समझ में नहीं आया कि यहां खाना कौन खा रहा है। पंडित जी को समझ में नहीं आया कि यहां खाना कौन खा रहा है।
कथा के दिन सक्षम ग्वाला की पत्नी कथा हेतु प्रसाद तैयार कर सूचना देती है कथा के दिन सक्षम ग्वाला की पत्नी कथा हेतु प्रसाद तैयार कर सूचना देती है
बहुत भयानक समय लग रहा, ऐसा न हो कि किसी को अपने साथ हीं ले जाए बहुत भयानक समय लग रहा, ऐसा न हो कि किसी को अपने साथ हीं ले जाए
माँ के कदम तेजी से दुल्हन की रूम की तरफ बढ़े। वो अवाक रह गयी माँ के कदम तेजी से दुल्हन की रूम की तरफ बढ़े। वो अवाक रह गयी